गुरुवार, जुलाई 26, 2012

परमात्मा दूर नहीं है फिर ....

























सुख को भोगो दुःख को समझो परमात्मा दूर नहीं है फिर ....
सुख को जिओ दुःख को पहचानो मोक्ष दूर नहीं है फिर ......
सुख को पहचानो... पहचानते -पहचानते महासुख हो जायेगा ....
दुःख को पहचानते -पहचानते दुःख के कारण तिरोहित हो जायेगा उस घडी को ही सच्चिदानंद कहा गया है .

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