मंगलवार, मई 15, 2012

गुरुत्वाकर्षण की खोज मह्रिषी भाष्कराचार्य द्वारा प्रमाण सहित...

























हम सभी विद्यालयों में पढ़ते हैं की न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण की खोज की थी, पर आप को ये जान कर कैसा लगेगा कि गुरुत्वाकर्षण का नियम सर्वप्रथम न्यूटन ने नहीं बल्कि एक हिन्दू ने खोजा था?
इसिलिए हमें हिन्दू होने पर गर्व है!

जिस समय न्यूटन के पूर्वज जंगली लोग थे ,उस समय मह्रिषी भाष्कराचार्य ने पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति पर एक पूरा ग्रन्थ रच डाला था ।

भास्कराचार्य सिद्धान्त की बात कहते हैं कि वस्तुओं की शक्ति बड़ी विचित्र है।

"मरुच्लो भूरचला स्वभावतो यतो,विचित्रावतवस्तु शक्त्य:।।"
सिद्धांतशिरोमणि गोलाध्याय - भुवनकोश

आगे कहते हैं-
"आकृष्टिशक्तिश्च मही तया यत् खस्थं,गुरुस्वाभिमुखं स्वशक्तत्या।
आकृष्यते तत्पततीव भाति,समेसमन्तात् क्व पतत्वियं खे।।"
- सिद्धांतशिरोमणि गोलाध्याय - भुवनकोश

अर्थात् पृथ्वी में आकर्षण शक्ति है। पृथ्वी अपनी आकर्षण शक्ति से भारी पदार्थों को अपनी ओर खींचती है और आकर्षण के कारण वह जमीन पर गिरते हैं। पर जब आकाश में समान ताकत चारों ओर से लगे, तो कोई कैसे गिरे? अर्थात् आकाश में ग्रह निरावलम्ब रहते हैं क्योंकि विविध ग्रहों की गुरुत्व शक्तियाँ संतुलन बनाए रखती हैं। 

ऐसे ही अगर यह कहा जाय की विज्ञान के सारे आधारभूत अविष्कार भारत भूमि पर हमारे विशेषज्ञ ऋषि मुनियों द्वारा हुए तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी ! सबके प्रमाण भी उपलब्ध हैं !

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