* मृत कोशिकाएँ जीवित हो जाती है |
* नकारात्मक भाव बदलकर सकारात्मक हो जाते है |
* स्टिरोइड का स्तर कम हो जाता है |
* तनाव से मुक्ति मिलती है |
* चेहरे के भावों (फेसीयल एक्स्प्रेसन) को भी बदल डालता है |
* हमारे आस पासके वातावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है |
* मस्तिष्क में परिवर्तन होता है और स्वस्थ हो जाता है।
* पेट की तकलीफ दूर हो जाती है |
* मस्तिष्क व हृदय की कमजोरी यह सब दूर होता है।
* नकारात्मक भाव बदलकर सकारात्मक हो जाते है |
* स्टिरोइड का स्तर कम हो जाता है |
* तनाव से मुक्ति मिलती है |
* चेहरे के भावों (फेसीयल एक्स्प्रेसन) को भी बदल डालता है |
* हमारे आस पासके वातावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है |
* मस्तिष्क में परिवर्तन होता है और स्वस्थ हो जाता है।
* पेट की तकलीफ दूर हो जाती है |
* मस्तिष्क व हृदय की कमजोरी यह सब दूर होता है।
ॐ’ की
ध्वनि इस सृष्टि का सार है, और ये सृष्टि से परे भी है। ‘ॐ’ अनंत शक्तियों का
बीजाक्षर है। ‘ॐ’ के उच्चारण से हमारे भीतर निहित शक्तियाँ जागृत होती हैं। ‘ॐ’ का
उच्चारण करते समय आप सृष्टि से एक होते हुए भी, सृष्टि से परे हैं! आदि अनंत लाभ होते
है,ओ3म् का उच्चारण करते जाये और रहस्य खोलते जाये |
ॐ नमः शिवाय!
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